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कैलाश विजयवर्गीय ने कृषि कानून को बताया सबसे अच्छा, कहा- यह किसानों की उन्नति के लिए है..

किसानों का आंदोलन जारी है और अब यह और तेज होने वाला है. दरअसल सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को किसान नेताओं ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया है और अब उन्होंने हाइइवे और भाजपा नेताओं के घेराव का एलान कर दिया है. इसी बीच अब भाजपा के चर्चित नेता और कैलाश विजय वर्गीय (BJP Leader kailash) ने बड़ा बयान दे दिया है. दरअसल विजयवर्गीय ने किसान आंदोलन को लेकर ऐसी बात कह दी है जिसके बाद सियासी हल’चल तेज हो सकती है. कैलाश ने कहा- किसान आंदोलन में 90 फीसद लोग तो किसान हैं ही नहीं।
जाहिर है दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा डेल बैठे किसान लगातार सरकार से कृषि बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. ऐसा न होने पर अब किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने की बात कही है. यही नहीं अब किसानों ने अम्बानी की कंपनी रिलायंस और JIO को भी निशाने पर ले लिया और इनके प्रोडक्ट्स का पूर्ण बहिष्कार करने का फैसला ले लिया।
कैलाश बोले- इससे अच्छा बिल तो हो ही नहीं सकता
भाजपा नेता (BJP Leader kailash On Farm law) ने कहा कि इससे अच्छा बिल हो ही नही सकता है। ये किसानों की समृद्धि का बिल है, गांवों की उन्नति का बिल है। उनकी आमदनी को दुगुना करने वाला बिल है। वहीं उन्होंने कांग्रेस को घे’रते हुए कहा कि बिल के अंदर जो प्रावधान हैं, उन्हें कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था पर किसानों ने कांग्रेस पर विश्वास नही किया और मोदी जी ने उन सब प्रावधानों को लागू कर दिया तो कांग्रेस को लगता है कि उनके हाथ का हथि’यार भी छी’न लिया है। किसानों को बिल के बारे में सोचना चाहिए।
किसान आंदोलन में बैठे 90 फीसद लोग किसान ही नहीं हैं- विजयवर्गीय
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने देशभर में चल रहे किसान आंदोलन पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, देश में जो किसान आंदोलन चल रहा उसमें मुझे लगता है कि 90 प्रतिशत किसान हैं ही नहीं, सिर्फ 10 प्रतिशत ही किसान आंदोलन में सम्मिलित हैं। बल्कि इस आंदोलन को जो ताकतें सपोर्ट कर रही है, वो इस देश के लिए आलार्मी है। देश की जनता को समझना चाहिए कि किसानों के नाम पर राजनीति कौन कर रहा है!
विदेशों के राष्ट्रपतियों के समर्थन करने पर विजयवर्गीय ने सवाल उठाये कि उन्होंने क्यों समर्थन किया इसकी तह तक जाना चाहिये। ब्रिटेन में भारतीय दूतावास के सामने किसान आंदोलन का समर्थन किया। ये कौन लोग इनकी तह में जाना चाहिए और समझना चाहिये कि किसानों के नाम पर राजनीति कौन कर रहा है।